आशियाना...
आशाओं की छोटी-छोटी बूंदों से बने है सपने हमारे - कुच्छ कामियाबी के, कुच्छ खूशी के - जिनसे सजाया है हमने हमारी दुनियाँ को | सपना एक ऐसे घर का; जिसमें हर दिन हो खुशियों की दिवाली। जिसमें बसी हो हमारे आनेवाले कल की उम्मीद...
एक नयी दुल्हन कि पायल की झंकार, बच्चों की गिदगिदाती हँसी, बुढ़ापे का साथ...बस यही तोह है सपनो का घर हमारा।
1 Comments:
beautiful...
but isnt it gudgudati hasi instead of gidgidati???
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